मैं रोज़ गुनाह करता हूँ, तू रोज़ बख्श देता है..!
"मेरे बाबा"
मैं आदत से मजबूर हूँ, तू रहमत से मशहूर है....!!
"हारे का सहारा रुणिचे वाला श्याम हमारा"
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मेरे सिर पर पर रख दो बाबा अपने ये दोनों हाथ,
देना हो तो दीजिये जन्म- जन्म का साथ...!
झुलस रहें है गम की धुप में प्यार की छैयां करदे तू
बिन मांझी के नांव चले न अब पतवार पकड़ ले तू
मेरा रस्ता रोशन करदे...छाई अंधियारी रात...
देना हो तो दीजिये जन्म-जन्म का साथ.....!!
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